आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी -रसखान

Prev.png

आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी -रसखान

आई सबै ब्रज गोपालजी ठिठकी ह्मवै गली
जमुना जल नहाने।
ओचक आइ मिले रसखानि बजावत बेनू
सुनावत ताने।
हा हा करी सिसको सिगरी मति मैन हरी
हियरा हुलसाने।
घूमैं दिवानी अमानी चकोर सौं और दोऊ
चलै दग बाने।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः