टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मारू धर मेवाड़ मेरतो त्याग दियो थाँरो सहर ।
- ↑ थाँरे रूस्याँ राणा कुछ नहिं बिगड़ै, अब हरि कीन्ही मेहर ।
- ↑ मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, हठ करि पी गई जहर ।
- ↑ क्याँ ने = क्यों, किसलिये। म्हाँसू = हमने, मुझसे। म्हाँने = मुझे। इसड़ा = ऐसे। व्रच्छन में = वृक्षों में। कैर = करील का पेड़। थाँरो = तुम्हारा। भगवीं चादर = भगवे का वस्त्र। इमरित = अमृत।
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