क्षीरवती का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। 'महाभारत वन पर्व' के उल्लेखानुसार यह एक तीर्थ स्थल था। यहाँ स्नान करने से मनुष्य देवता और पितरों का पूजन करने पर वाजपेय यज्ञ का फल पाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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क्षीरवती का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। 'महाभारत वन पर्व' के उल्लेखानुसार यह एक तीर्थ स्थल था। यहाँ स्नान करने से मनुष्य देवता और पितरों का पूजन करने पर वाजपेय यज्ञ का फल पाता है।[1]
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