द्वादश (12) अध्याय: आदि पर्व (पौलोम पर्व)
महाभारत: आदि पर्व: द्वादश अध्याय: श्लोक 1-6 का हिन्दी अनुवाद
ऋषि ने कहा- ‘रुरो! तुम कथा वाचक ब्राह्मणों के मुख से आस्तीक का महान चरित्र सुनोगे।’ ऐसा कहकर सहस्रपाद मुनि अन्तर्धान हो गये। उग्रश्रवा जी कहते हैं- तदनन्तर रुरु वहाँ अद्दश्य हुए मुनि की खोज में उस वन के भीतर सब ओर दौड़ता रहा और अन्त में थककर पृथ्वी पर गिर पड़ा। गिरने पर उसे बड़ी भारी मूर्च्छा ने दबा लिया। उसकी चेतना नष्ट- सी हो गयी। महर्षि के यथार्थ वचन का बार-बार चिन्तन करते हुए होश में आने पर रुरु घर लौट आया। उस समय उसने पिता से वे सब बातें कह सुनायीं और पिता से भी आस्तीक का उपाख्यान पूछा। रुरु के पूछने पर पिता ने सब कुछ बता दिया। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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