1.
|
अपणा गिरधर कै कारणै
|
सोरठ वा झँझोटी वा माड
|
2.
|
अब कोऊ कछु कहो दिल लागा रै
|
जंगलो पीलू / तिताला
|
3.
|
अब तो मेरा राम नाम
|
झँझोटी / दादरा
|
4.
|
अब नहिं जाने दूँ गिरधारी
|
पीलू / कहरवा
|
5.
|
अब नहिं मानांला म्हे थारी
|
झँझोटी / कहरवा
|
6.
|
अब नाँ रहूँगी श्याम अटकी
|
काफी / जैत
|
7.
|
आज्यो आज्यो गोविन्दा म्हारै म्हैल
|
काफी / कहरवा
|
8.
|
आली री मेरे नयनन बान पड़ी
|
बिहाग / दीपचन्दी
|
9.
|
आवो आवो जी रँगभीना म्हारै म्हैल
|
सारंग / कहरवा
|
10.
|
इन सरवरिया री पाल
|
माड / दीपचन्दी
|
11.
|
एक विरियाँ मुख बोलो रे
|
पीलू बरवा / धीमा तिताला
|
12.
|
एरी मैं खड़ी निहारूँ बाट
|
सोरठ (मल्हार) / कहरवा
|
13.
|
ऐसै जन जानन दीजै हो
|
माड वा सोरठ / तिताला
|
14.
|
ओढूँ लज्या चीर
|
काफी / कहरवा
|
15.
|
ओळूँ थारी आवै हो महाराजा अबिनासी
|
सोहनी वा विहागड़ो / तिताला
|
16.
|
कछु लेना न देना मगन रहना
|
बिलावल / कहरवा
|
17.
|
करना फकीरी क्या दिलगीरी
|
भैरवी / तिताला
|
18.
|
कर्म की गत न्यारी
|
सोहनी / तिताला
|
19.
|
कवन गुमान भरी
|
बिहाग / दीपचंदी
|
20.
|
कहाँ बसियो कान्हा रातरली
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
21
|
कहो ने जोशी राम मिलण कब होसी
|
काफी / कहरवा
|
22.
|
कुण बाँचै पाती
|
झंझोटी / कहरवा
|
23.
|
कोई कहियौ रे प्रभु आवन की
|
आसावरी / कहरवा
|
24.
|
कोई दिन याद करोगे
|
-
|
25.
|
क्यूँ कर म्हे दिन काटाँ
|
माड व सोरठ / कहरवा
|
26.
|
गली तो चारों बन्द हुई
|
काफी / जैत
|
27.
|
गिरधर म्हारा साँचा पति छै
|
घूमर / कहरवा
|
28.
|
गोपाल रंग राची
|
सारंग / कहरवा
|
29.
|
गोबिन्द का गुण गास्याँ
|
सोरठा वा काफी / कहरवा
|
30.
|
गोविन्द सूँ प्रीत करी
|
झिंझोटी / दादरा
|
31.
|
घड़ी एक नहिं आवड़े
|
सोरठा वा काफी / कहरवा
|
32.
|
गोबिन्द का गुण गास्याँ
|
माड / तिताला
|
33.
|
चलाँ वाही देस प्रीतम पावाँ
|
आसावरी / तिताला
|
34.
|
चालो मन गंगा जमुना तीर
|
भैरवी सिन्ध / तिताला
|
35.
|
जब के तुम विछुरे प्रभु मोरे कबहु न पायो चैन
|
-
|
36.
|
जहर दियो म्हे जाणी
|
सोरठा वा वागेश्वरी /तिताला
|
37.
|
जाबा दे री जाबा दे
|
भैरवी / धीमा तिताला
|
38.
|
जो तुम तोड़ो पिया मैं नहिं तोड़ूँ
|
पीलू / दीपचन्दी
|
39.
|
जोगिया मैं कहज्यो जी आदेस
|
पहाड़ी / दादरा
|
40.
|
जोगिया सों प्रीत कियाँ दुख होय
|
बिहाग / तिताला
|
41..
|
जोगियो आँणि मिल्यो अनुरागी
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
42.
|
जोगी आ जा आ जा
|
भैरव / तिताला
|
43.
|
तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर
|
सोरठ वा तिलंग / धीमा तिताला
|
44.
|
तुम बिन स्याम सुने कौ मेरी
|
कालिंगड़ा / धमाल
|
45.
|
तेरा कोई नहिं रोकणहार
|
माड वा सोरठ / दादरा
|
46.
|
तेरो मरम नाहिं पायो
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
47.
|
तै दरद नहिं जान्यूँ
|
काफी / दीपचंदी
|
48.
|
तैं मेरी गैंद चुराई
|
तैं मेरी गैंद चुराई -मीराँबाई
|
49.
|
थाँने काँई काँई कह समझाऊँ
|
माड / कहरवा
|
50.
|
दरस बिन दूखन लागे नैन
|
खमाच विहाग / धीमा तिताला
|
51.
|
धूतारा जोगी एका सूँ हँसि बोल
|
भैरव / कहरवा
|
52.
|
नहिं ऐसा जन्म बारम्बार
|
सोरठा / रूपक
|
53.
|
नहिं ऐसो जनम बारम्बार
|
-
|
54.
|
नहीं जाऊँ सासरै माई
|
खमाच वा सोरठ वा काफी वा माड / कहरवा
|
55.
|
नैनन बनज बसाऊँ री
|
-
|
56.
|
पग घुँघुरू बाँध मीरा नाची, रे
|
57.
|
पपीया रे पीव की बानी न बोलि
|
देश मल्हार / झूमरा
|
58.
|
पानी में मीन प्यासी
|
जोगिया / दीपचन्दी
|
59.
|
पायो जी मैं तो राम रतन धन पायो
|
आसा / कहरवा
|
60.
|
पायो म्हारो ईडूँणी को चोर
|
सोरठ / कहरवा
|
61.
|
पिया इतनी बिनती सुन सुन मोरी
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
62.
|
पिया बिन सूनूँ सारो देस
|
आसावरी / धीमा तिताला
|
63.
|
पिया मोहि दरसण दीजै हो
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
64.
|
पिरथिवी मायाजाल मैं पड़ी
|
माड वा मारू / दादरा
|
65.
|
फागुन के दिन चार रे, होरी खेल मना रे
|
काफी / दीपचन्दी
|
66.
|
बड़े घर ताली लागी रे, म्हारा मण री उणारथ भागी रे
|
कामोद / कहरवा
|
67.
|
बरजी मैं काहू की नारि रहूँ
|
बिहाग / दीपचन्दी
|
68.
|
बरसे बदरिया सावन की
|
बहार / तिताला
|
69.
|
पिया बिन सूनूँ सारो देस
|
आसावरी / धीमा तिताला
|
70.
|
बसो मेरे नैनन में नँदलाल
|
जोनपुरी / कहरवा
|
71.
|
बाटड़ली निहारुँ जी मैं हारी ठाडी ठाडी
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
72.
|
बादल देख डरी हो
|
देश मल्हा / कहरवा
|
73.
|
बाल्हा मैं वैरागिण हूँगी हो
|
सोरठ / कहरवा
|
74.
|
बैद को सारो नाँहि रे माई
|
झंझोटी / कहरवा
|
75.
|
भज मन चरन कँवल अबिनासी
|
भैरवी / तिताला
|
76.
|
भरमायो म्हारो मारूड़ो
|
काफी / कहरवा
|
77.
|
भोलानाथ दिगम्बर ये दुख मेरो हरो रे
|
भैरवी / तिताला
|
78.
|
मत डारो पिचकारी मैं सगरी भीज गई सारी
|
काफी / दीपचन्दी
|
79.
|
मन की मैल हिय तैं न छूटी
|
सोरठ / रूपक
|
80.
|
मन मेरे परसि हरि के चरन
|
परज / रूपक
|
81.
|
मन रे परस हरि के चरण
|
जोनपुरी / रूपक
|
82.
|
माई मेरी हरि न बूझी बात
|
बिहाग सोरठ / रूपक
|
83.
|
माई मैं तो गिरधर के रँग राची
|
जोनपुरी / इकताला
|
84.
|
माई मैं तो लियो है साँवरियो मोल
|
काफी वा पहाड़ी / दीपचन्दी
|
85.
|
माई म्हाँने मिलिया छै मित्र गोपाल
|
काफी / दीपचन्दी
|
86.
|
माई म्हाँने सुपना में परणी गोपाल
|
तीलंग / कहरवा
|
87.
|
माई म्हारै निरधन रो धन राम
|
काफी / जत
|
88.
|
माई री मैं तो लीनो गोविन्दो मोल
|
माड / दीपचन्दी
|
89.
|
मारत मेरे नैन में पिचकारी
|
पीलू बरवा / कहरवा
|
90.
|
मीराँ मन मानी सुरत सैली असमानी
|
कालिंगडा / कहरवा
|
91.
|
मीराँ रंग लाग्यो हो नाँम हरी
|
धनाश्री / कहरवा
|
92.
|
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरा न कोई
|
झंझोटी / दादरा
|
93.
|
मेरे तो येक राम नाम दूसरा न कोई
|
झंझोटी / दादरा
|
94.
|
मेरे राणाजी मैं गोबिन्द गुण गाना
|
भैरव / कहरवा
|
95.
|
मैं अपने सैय्याँ सँग साँची
|
बहार / तिताला
|
96.
|
मैं अमली हरिनाँव की मुझि बाइड आवै
|
आसावरी वा आसा / कहरवा
|
97.
|
मैं गिरधर के घर जाऊँ
|
-
|
98.
|
मैं तेरै रंग राती गुसँइयाँ
|
आसावरी / तिताला
|
99.
|
मैं तो छुप गई लाज की मारी
|
आसा-माड / दीपचन्दी
|
100.
|
मैं तो साँवरे रंग राची
|
मालकोश / तिताला
|
101.
|
मैं तो हरि चरणन की दासी
|
नट / पश्तो
|
102.
|
मैं तौ सुमरया छे मदनगोपाल
|
सारंग / कहरवा
|
103.
|
मोरी ज्यान मोहोब्बत लगाई रे
|
काफी वा घूमर / कहरवा
|
104.
|
मोहन आवन की कोई कीजो रे
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
105.
|
मोहे लागी लगन गुरु-चरनन की
|
हमीर / तिताला
|
106.
|
म्हाँने बोल्याँ मति मारो जी राणाँ
|
माड / कहरवा
|
107.
|
म्हारा ओलगिया घर आया जी
|
हमीर / तिताला
|
108.
|
म्हारा जनम मरण का साथी
|
सारंग रसिया / कहरवा
|
109.
|
म्हारा सतगुर बेगा आज्योगी
|
माड / कहरवा
|
110.
|
म्हारी सेजड़ल्याँ रँग माणूँजी
|
माड
|
111.
|
म्हारे गैल परयो गिरधारी हे माय
|
काफी, घूमर / कहरवा
|
112.
|
म्हारै घर होता जाज्यो राज
|
सोरठ, तिलक - कामोद / दीपचन्दी
|
113.
|
म्हारै नैणाँ आगे रहीजो जी
|
काफी, माड / झूमरा
|
114.
|
यो तो रंग धत्ताँ हि लाग्यो हे माय
|
सारंग घूमर / कहरवा
|
115.
|
रघुनन्दन आगे नाचूँगी
|
झंझोटी वा गन्धारी टोडी / तिमाला
|
116.
|
रमइया बिनि यो जिवड़ौ दुख पावै
|
तिलंग / तिलंग
|
117.
|
रमस्याँ सादूड़ाँ री लार
|
बरवा वा सोरठ / तिताला ठाह
|
118.
|
रमैया बिन नींद न आवै, प्रेम की आँच ढुलावै
|
काफी / दीपचन्दी
|
119.
|
रमैया मैं तो थारे रँग राती
|
आसावरी / दीपचन्दी
|
120.
|
राणा जी म्हें तो गोबिन्द का गुण गास्याँ
|
-
|
121.
|
राणाँजी कर्मां रो सँगाती
|
मारू / एकताला
|
122.
|
राणाँजी तें जहर दियो मैं जाणी
|
वागेश्वरी, कानड़ा / तिताला
|
123.
|
राणाँजी मैं साँवरे रँग राची
|
आसावरी वा सोरठ / दीपचन्दी
|
124.
|
राणाँजी म्हारी प्रीत पुरबली मैं क्या करूँ
|
आसा माड / कहरवा
|
125.
|
राणाँजी म्हारो काँई करसी
|
सारंग / कहरवा
|
126.
|
राणाँजी म्हे तो गिरधर रा गुण गास्याँ
|
सारंग / कहरवा
|
127.
|
राणाँजी हूँ अब न रहूँगी तोरी हटकी
|
काफी / दीपचन्दी
|
128.
|
राणाँजी हूँ तो गिरधर कै मन भाई
|
माड / कहरवा
|
129.
|
राणोंजी मेवाड़ो म्हारो काईं करसी
|
काफी / दादरा
|
130.
|
राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर जागी री
|
भीम पलासी / तिताला
|
131.
|
राम रँग लाग्यो
|
बिहाग / कहरवा
|
132.
|
राम रतन धन पायो मैया
|
सारंग घूमर / कहरवा
|
133.
|
वै न मिले जिनकी हम दासी
|
देश / कहरवा
|
134.
|
शिवशंकर मोपे कृपा कीज्यो
|
सोरइ / कहरवा
|
135.
|
श्याम बजावत बीणाँ
|
विहाग / दीपचन्दी
|
136.
|
श्याम म्हाँनै चाकर राखो जी
|
भैरवी / कहरवा
|
137.
|
श्री गिरिधर आगे नाचूँगी
|
मालकोस / तिताला
|
138.
|
सखी अपणाँ स्याँम खोटा
|
सोरठ / कहरवा
|
139.
|
सखी तैने नैना गमाय दिया रोय
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
140.
|
सखी मोहे लाज बैरन भई
|
विहाग / रूपक
|
141.
|
सखी री मेरी नींद नसानी हो
|
विहाग / कहरवा
|
142.
|
सखी री मैं तो गिरधर के रंग राती
|
आसावरी / दीपचन्दी
|
143.
|
सजन बेगा घर अइए हो
|
काफी / कहरवा
|
144.
|
सजन सुध ज्यों जानों त्यों लीज्यो
|
केदारा / तिताला
|
145.
|
सतगुर म्हारा प्रीत निभाज्यो जी
|
देस / कहरवा
|
146.
|
सहेलियाँ साजन घर आया हो
|
परज / कहरवा
|
147.
|
साँवरा बिन नींद न आवै
|
काफी / दीपचन्दी
|
148.
|
साँवरा सूँ मिलना जरूर
|
झँझोटी / धीमा
|
149.
|
साँवरिया म्हारी प्रीतड़ली तो न्हिमाज्यो
|
सोरठ : ताल - कहरवा
|
150.
|
साँवरियो म्हाँनै भाँग पिलाई
|
काफी / दीपचन्दी
|
151.
|
साँवरे की दृष्टि मानों प्रेम की कटोरी है
|
जैजैवंती / कहरवा
|
152.
|
साँवरे दी भालन माये सानू प्रेम दी कटारियाँ
|
देश / दादरा
|
153.
|
साँवरे रँग राची
|
कालिंगड़ा / कहरवा
|
154.
|
साधो मैं बैरागण हर की
|
आसावरी / दीपचन्दी
|
155.
|
सावण दे रह्यो जोरा रे
|
मल्हार / कहरवा
|
156.
|
सुण लीज्यो बिनती मोरी
|
जोगिया / कहरवा
|
157.
|
सुनी मैं हरि आवन की आवाज
|
विहाग, सोरठा, मल्हार / धीमा
|
158.
|
सूरत दीनानाथ से लगी
|
माड / दीपचन्दी दादरा
|
159.
|
सेजड़ली’र सुधार गिरधर आँवणाँ ये
|
बिलावल / कहरवा
|
160.
|
सोवत ही पलका में मैं तो
|
असावरी / दीपचन्दी
|
161.
|
सौ पर एक घड़ी
|
प्रभाती / धीमा तिताला
|
162.
|
स्याम मोसूँ ऐंडो डोले हो
|
सिन्दूरा / धमार
|
163.
|
हमारे मन राधा स्याम बसो
|
भैरवी / कहरवा
|
164.
|
हरि तुम काहे को प्रीत लगाई
|
तिलंग / धीमा तिताला
|
165.
|
हरि तुम हरो जन की पीर
|
गिरनारी सोरठ / दीपचन्दी
|
166.
|
हरि बिन कूँण गती मेरी
|
देश / रूपक
|
167.
|
हरि मेरे नयनन में रहियो
|
सारंग / कहरवा
|
168.
|
हरि से गरब किया सोई हारा
|
जंगला-जोगिया आसावरी / दीपचन्दी वा कहरवा
|
169.
|
हरिजी सों मिलना कैसे होय
|
सोरठ / कहरवा
|
170.
|
हे ओ सहिया हरि मन काठ कियो
|
सोरठ / तिताला
|
171.
|
हे री मैं तो दरद दिवानी
|
काफी / दीपचन्दी
|
171.
|
हे री मैं तो दरद दिवानी
|
काफी / दीपचन्दी
|
172.
|
हेली म्हाँसूँ हरि बिन रह्यो न जाय
|
सोरठा / तिताला
|
173.
|
हो जी हरि कित गये नेह लगाय
|
विहाग / धीमा तिताला
|
174.
|
होरी खेलत है गिरधारी
|
काफी / दीपचन्दी
|
175.
|
होली पिय बिन मोहि न भावै
|
काफी / सिन्दूरा
|
176.
|
होली पिया बिन लागै खारी, सुनो री सखी, मेरी प्यारी
|
सिन्दूरा / धमार व दीपचन्दी
|