गीता अमृत -जोशी गुलाबनारायण
गीताऽमृत
अर्थात
अर्थात
(श्रीमद्भगवद्गीता का हिन्दी पद्यानुवाद)
अध्याय- 1
(अर्जुन विषाद-योग)
(अर्जुन विषाद-योग)
धृतराष्ट्र उवाच- |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1. कौरव पांडवों का पुरखा “कुरु” नाम का राजा था उसके नाम से ही कुरुक्षेत्र विख्यात है। राजा कुरु इस क्षेत्र (मैदान) में खेती किया करता था। इन्द्र ने कुरु को यह वरदान दिया था कि जो तप करता हुआ या युद्ध करता हुआ इस क्षेत्र में मारा जावेगा उसे स्वर्ग मिलेगा। इस वरदान के कारण यह क्षेत्र धर्म-क्षेत्र कहा गया है। आज का वर्तमान दिल्ली नगर इस ही क्षेत्र पर बसा हुआ है।
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