हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 128 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 128 श्लोक 1-5

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वैशम्पायन उवाच
अथाहुको महाबाहु: कृष्णं प्राह महाद्युति:।
हषादुत्फुाल्लनयन: श्रूयतां यदुनन्दन।।1।।

एवं गतेऽनिरुद्धस्य क्रियतां महदुत्सव:।
क्षेमात् प्रत्या्गतं दृष्ट्वा सेव्यमाना महामते।।2।।

उषापि च महाभागा सखीभि: परिवारिता।
रमते परया प्रीत्या चानिरुद्धेन संगता।।3।।

कुम्भाण्डादुहिता रामा उषाया: सखिमण्डले।
प्रवेश्य‍तां महाभागा वैदर्भी वर्द्धयेत् पुन:।।4।।

साम्बा्य दीयतां रामा कुम्भाण्डदुहिता शुभा।
शेषाश्च कन्या न्यस्यन्तांकुमाराणां यथाक्रमम्।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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